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लद्दाख में 14,500 फीट की ऊंचाई पर सेना की एक्सरसाइज:सिंधु नदी में उतरे T-90, T-72 टैंक; धनुष तोप तैनात, 48 किमी दूर तक गोला दागती है

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नए हथियारों और वाहनों के साथ सेना ने सिंधु नदी के किनारे एक्सरसाइज की। - Dainik Bhaskar
नए हथियारों और वाहनों के साथ सेना ने सिंधु नदी के किनारे एक्सरसाइज की।

पिछले चार साल से चीन के साथ लद्दाख बॉर्डर पर चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने न्योमा सैन्य स्टेशन पर नए लड़ाकू टैंक, तोप और ऑर्म्ड व्हीकल तैनात कर दिए हैं। शनिवार को इनके फुटेज और फोटोज सामने आए।

इनमें धनुष होवित्जर से लेकर एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल शामिल हैं। इसके साथ ही सेना ने पहाड़ों पर चलने वाले ऑल टरेन व्हीकल को भी तैनात किया।

इन नए हथियारों और वाहनों के साथ सेना ने सिंधु नदी के किनारे 14,500 फीट की ऊंचाई पर एक्सरसाइज भी की। इसका वीडियो भी सामने आया। जिसमें T-90 और T-72 टैंकों को नदी पार करते हुए देखा जा सकता है।

भारतीय सेना की एक्सरसाइज की तस्वीरें…

रूस में बने T-90 टैंक के साथ भारतीय सेना ने सिंधु नदी में युद्वाभ्यास किया।
रूस में बने T-90 टैंक के साथ भारतीय सेना ने सिंधु नदी में युद्वाभ्यास किया।
पानी के अलावा जमीन पर भी टैंक के साथ एक्सरसाइज की गई।
पानी के अलावा जमीन पर भी टैंक के साथ एक्सरसाइज की गई।
लद्दाख के न्योमा सैन्य स्टेशन पर धनुष, एम4 क्विक रिएक्शन व्हीकल और ऑल टरेन व्हीकल तैनात किया गया।
लद्दाख के न्योमा सैन्य स्टेशन पर धनुष, एम4 क्विक रिएक्शन व्हीकल और ऑल टरेन व्हीकल तैनात किया गया।

ये हैं लद्दाख में तैनात सेना के नए हथियार…

धनुष होवित्जर
आर्मी ने हाल ही में भारत में बनी स्वदेशी धनुष होवित्जर को शामिल किया है। यह बोफोर्स तोप का एडवांस्ड वर्जन है। आर्टिलरी रेजिमेंट के कैप्टन वी मिश्रा ने कहा कि धनुष होवित्जर 48 किलोमीटर तक लक्ष्य पर हमला कर सकता है और इसे पिछले साल ही पूर्वी लद्दाख सेक्टर में शामिल किया गया है।

एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल
इस बख्तरबंद गाड़ी पर माइंस का भी असर नहीं होता है। यह 50 किग्रा तक IED ब्लॉस्ट सहन कर सकता है। सेक्टर में तैनात सेना के अधिकारियों ने कहा कि लद्दाख सेक्टर के कठिन इलाके में भी यह वाहन लगभग 60-80 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल सकता है।

एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स वाहनों को पिछले साल बल में शामिल किया जाना शुरू हुआ था और सेना की पूर्वी लद्दाख सेक्टर के आगे के इलाकों में अधिक संख्या में ऐसे वाहनों को शामिल करने की योजना है।

ऑल टरेन व्हीकल (ATV)
सेना ने बड़ी संख्या में ऑल-टरेन वाहनों को भी शामिल किया है। इससे एक बार में चार से छह सैनिकों को ले जाया जा सकता है। इन वाहनों का इस्तेमाल सैनिकों का सामान और उपकरण ले जाने के लिए किया जाता है।

ये व्हीकल अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी काम करने में सक्षम है। 2020 में गलवान में चीनी सैनिकों से झड़प के बाद पहली बार इस वाहन को तैनात किया गया है।

रजक सर्विलांस सिस्टम
सेना ने सर्विलांस को मजबूत बनाने के लिए नए रजक सिस्टम को शामिल किया है। यह 15 किलोमीटर से अधिक दूरी से सैनिकों और 25 किलोमीटर से अधिक दूरी से वाहनों का पता लगा सकता है।

नए उपकरण सेनाओं को LAC के पार चीन की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद कर रहे हैं।

11 जून को हुई थी एयरफोर्स की आर्मी के साथ वॉर ड्रिल

इंडियन एयर फोर्स ने 11 जून को आर्मी के साथ एक वॉर ड्रिल की थी। इस दौरान सेना के पैरा कमांडो ने आसमान से छलांग लगाई थी। वहीं अपाचे हेलिकॉप्टर में रॉकेट लॉन्चर लगाकर अभ्यास किया गया था। इस एक्सरसाइज में सेना के फाइटर जेट, LCH हेलिकॉप्टर, मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट और UAV यानी ड्रोन भी शामिल थे। जवानों ने किसी भी तरह की युद्ध की स्थिति से निपटने के लिए इस एक्सरसाइज में हिस्सा लिया।

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