BIG BREAKING : निम्बाहेड़ा के बंटी आंजना हत्याकांड के दो मुख्य आरोपी गिरफ्तार, पुलिस पूछताछ में कबूला बड़ा राज, बोले- इस वारदात को अंजाम देने के लिए 15 लाख की सुपारी
शाहरुख़ मुल्तानी – चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा में 2 फरवरी को हुए दिन-दहाड़े बंटी आंजना हत्याकांड मामले में दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी अजयपाल को जेल में रहते हुए 15 लाख रुपए की सुपारी मिली थी। आरोपी जेल से बाहर आते ही बंटी आंजना की रेकी कर रहे थे।
एसपी राजन दुष्यंत ने बताया कि दोनों आरोपी मंदसौर (एमपी) निवासी अजय पाल पुत्र प्रभुलाल जाट और कृष्ण पाल उर्फ कान्हा पुत्र गुलाब सिंह सिसोदिया को प्रतापगढ़ जिले के अरनोद गांव के हनुमान मंदिर के पास से गिरफ्तार किया गया है। दोनों हत्याकांड के मुख्य आरोपी है। आरोपी अजय पाल ने ही 2 फरवरी को दिन-दहाड़े निंबाहेड़ा जेल के पास बंटी आंजना को गोलियों से भूना था। अजय पाल 30 अगस्त 2022 से 6 सितंबर 2022 तक जिला प्रतापगढ़ के एक केस में जेल में बंद था। उस समय छोटीसादड़ी में विकास प्रजापत मर्डर केस के आरोप में अरविंद अंजना पुत्र भंवरलाल आंजना निवासी केसुंदा भी जेल में था। एसपी ने बताया कि जेल में ही अजयपाल और अरविंद की दोस्ती हुई थी। अरविंद ने अजय पाल को बंटी आंजना से रंजिश के बारे में बताया। अरविंद ने अजयपाल को बंटी की सुपारी दि थी और कहा था कि जेल से बाहर जाते ही उसका मर्डर कर देना। मर्डर के बदले अजयपाल को 15 लाख रुपए देने का वादा किया था। अजय पाल ने जेल से निकलते ही मर्डर की प्लानिंग शुरू कर दी थी। सबसे पहले उसने अपनी एक टीम बनाई। टीम में अपने तीन दोस्त कृष्णपाल उर्फ कान्हा, सुरेश जाट और रमेश उर्फ कान्ह भील को शामिल किया। चारों मिलकर बंटी आंजना की रेकी करते थे। आरोपियों ने दो बार पहले भी छोटीसादड़ी में बंटी आंजना को मारने की कोशिश की थी। लेकिन एक बार बंटी आंजना अपने परिवार के साथ था तो दूसरी बार 5-7 लोगों के साथ था। इस कारण दोनों बार बच गया। लगातार रेकी के बाद निंबाहेड़ा में मौका मिलते ही बंटी आंजना का मर्डर कर दिया गया। बंटी आंजना ने अरविंद आंजना को थप्पड़ मारा था। इसका एक वीडियो बनाकर बंटी आंजना के दोस्त विकास प्रजापत ने सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इस बात पर अरविंद आंजना ने विकास प्रजापत का मर्डर कर दिया था और बंटी आंजना को टारगेट कर रहा था। विकास प्रजापत मर्डर केस में अरविंद आंजना को जेल भेज दिया गया। अजय पाल और कृष्ण पाल दोनों ही अलग-अलग जगह पर शरण ले रहे थे। उन्होंने राजस्थान और एमपी भी छोड़ दिया था। अरनोद, प्रतापगढ़ आने पर पकड़े गए। घटना के बाद से ही चारों आरोपी अलग-अलग जगह पर थे।